Sunday को ही छुट्टी क्‍यों मनाई जाती है जानिए

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आपने कभी यह सोचा हैं कि आखिरकार Sunday के दिन ही छुट्टी क्यों रहती हैं, क्यों ज्यादातर विभाग इस दिन बंद रहते हैं. ऐसा क्यों है कि सरकारी विभागों में Sunday के दिन काम नहीं होता हैं तथा ऐसी क्या वजह है की Sunday के दिन ही छुट्टी रहती है किसी और दिन ही क्यों नहीं रहती हैं l

यह साईट आपको एक विशेष जानकारी से अवगत करा रही है की आखिरकार संडे के दिन ही छुट्टी क्यों रहती है:

Sunday की छुट्टी के पीछे मजदूरों के महान नेता जनक नारायण मेघाजी लोखंडे का हाथ था विस्तार से जानने के लिए हमे इतिहास की तरफ जाना होगा l

भारत देश में जब ब्रिटिश सरकार का शासन चल रहा था तब उस समय मील मजदूरों की हालत काफी ख़राब थी l  मजदूरों की हालत इतनी ख़राब थी कि उनको सप्ताह के सातों दिन काम करना पड़ता था, व् उनको आराम करने के लिए आधें घंटे का भी समय नहीं दिया जाता था l उस समय ब्रिटिश सरकार के अधिकारी सप्ताह के आखरी दिन Sunday को चर्च जाया करते थे, परन्तु मजदूरों के लिए कोई ऐसा प्रावधान नहीं था की वो भी अपने भगवान् को एक दिन क लिए याद कर सके l मजदूरों को सातों दिन ही मील में काम काम करना पड़ता था, उस समय मजदूरों के प्रथम नेता जनक नारायण मेघाजी लोखंडे हुआ करते थे l

जनक नारायण मेघाजी लोखंडे द्वारा ब्रिटिश हुकूमत के सामने प्रस्ताव :

जनक नारायण मेघाजी लोखंडे ने ब्रिटिश हुकूमत के सामने यह प्रस्ताव रखा कि हमारे मजदूरों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलनी चाहिए, जिससे की मजदूर अपने भगवानो को भी याद कर सके तथा अपने परिवारों के बीच में पूर्णरूप से एक दिन का समय बिता सकें, मजूरों को सप्ताह में लगातार छह दिन काम करने बाद एक दिन की छुट्टी मिले तथा इस दिन वे अपने मह्त्वपूर्ण कामों को भी कर सके l

परन्तु जनक नारायण मेघाजी लोखंडे के मह्त्वपूर्ण प्रस्ताव को अंग्रेजी हुकूमत ने स्वीकार करने से मना कर दिया l जनक नारायण मेघाजी लोखंडे को ब्रिटिश हुकूमत का फैसला पसंद नहीं आया तथा जनक नारायण मेघाजी लोखंडे ने मजदूरों के साथ मिलकर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू कर दिया l

Sunday को ही  छुट्टी क्‍यों मनाई जाती है जानिए

10 June 1890 को Sunday की छुट्टी करने का एक मह्त्वपूर्ण निर्णय :

यह संघर्ष आखिरखार रंग लाया सात सालों के लम्बें इंतज़ार के बाद ब्रिटिश सरकार ने 10 June 1890 को Sunday की छुट्टी करने का एक मह्त्वपूर्ण निर्णय ले ही लिया l अंग्रजी हुकूमत द्वारा उस समय यह प्रस्ताव पारित हुआ की Sunday को छुट्टी का दिन होगा व् साथ ही यह भी एलान किया गया कि रोजाना खाना खाने के लिए दोपहर में आधे घंटे की छुट्टी का भी ऐलान कर दिया l
महान नेता जनक नारायण मेघाजी लोखंडे ही हैं l जिनकी वजह से आज के समय में Sunday को छुट्टी का दिन रहता हैं, भारत सरकार द्वारा 2005 में जनक नारायण मेघाजी लोखंडे का डाक टिकट जारी कर दिया गया l

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