यह साइट आपको एक विशेष जानकारी से अवगत करा रही है कि जन्माष्टमी कैसे और क्यों मनाई जाती है ?
जन्माष्टमी को भगवान् कृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में जाना जाता हैंl भाद्रपद महीनें में कृष्ण पक्ष की अस्टमी के दिन ठीक 12 बजे आधी रात को भगवान् श्रीकृष्ण का जन्म हुआ थाl यह जन्म भगवान् श्रीकृष्ण ने कंश का विनाश, व् धरती पर हो रहे अत्याचारों को ख़त्म करने के लिया थाl भगवान् श्रीकृष्ण को लगभग 108 नामों से जाना जाता हैं, जैसे गोपाल, बाल गोपाल, कृष्ण कन्हैया, बाकेबिहारी, कान्हा आदि इस दिन भगवान् ने स्वम धरती पर जन्म लिया था, तभी से यह त्यौहार जन्मआष्ट्मी के रूप मनाया जाता हैंl इस दिन जन्माष्टमी का उपवास भी रखा जाता हैं तथा हिन्दू धर्म के सभी लोग इस दिन उपवास रखकर भगवान् श्रीकृष्ण की पूजा करते हैंl
भगवान् श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा नगरी में होने के कारण ही मथुरा को भगवान् श्रीकृष्ण की नगरी भी कहा जाता हैंl इस त्यौहार पर भारतवर्ष के सभी मंदिरों में सजावट की जाती हैं, तथा कई प्रकार की सजावट की चीजों का प्रयोग भी किया जाता हैंl इस पावन मोके पर मंदिरों में झाकियों को भी विशेष प्रकार से सजाया जाता हैं
इस त्यौहार पर भारतवर्ष में मटकी फोड़ आयोजन का भी महोत्सव होता हैं जो की यह महोत्सव भारत के हर राज्य में बढ़ी ही धूम धाम से आयोजित किया जाता हैंl इस महोत्सव में मक्खन से भरी हुई मटकी को काफी ऊचाई पर बाधा जाता हैंl इस महोत्सव में अलग अलग लड़को का दल होता हैं, जो अपनी बारी बारी से मटकी को फोड़ने का प्रयास करते है तथा जो भी दल मटकी फोड़ने में सफल हो जाता हैं, उसको सम्मानपूर्वक विशेष उपहार से सम्मानित किया जाता हैंl
यह त्यौहार वैसे तो पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता हैं परन्तु इस त्यौहार को कृष्ण की भूमि मथुरा नगरी में बड़ी ही धूम – धाम से मनाया जाता हैं तथा साथ ही विदेशी सैलानी भी भारत में आकर इस त्यौहार का आनंद उठाते हैं इस त्यौहार पर सब मिलकर कई रास लिलाओं का भी आयोजन किया जाता हैं मथुरा नगरी के लोगों को इस त्यौहार का काफी दिन इंतज़ार रहता हैं वे इस त्यौहार को धूम धाम से मानाने के लिए काफी दिनों पहले ही अपने घरों की सजावट में लग जाते हैं विदेशो में भी रह रहे भारतीयों के लिए भी यह त्यौहार काफी उत्साहपूर्ण रहता हैं l